मेरी ख़ामोशी --------------
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हज़ार जवाबों से अच्छी है,
मेरी खामोशी।
धीर गम्भीर लोग,
हर बात पे बोला नही करते।
जिनके घर हो शीशे के,
वे दूसरे के घरों पर
पत्थर फेंका नही करते।
उसकी कमीज़ से,
जयादा सफेद है मेरी कमीज,
समझदार लोग,
दूसरो पर कीचड़,
फेंका नही करते।
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हज़ार जवाबों से अच्छी है,
मेरी खामोशी।
धीर गम्भीर लोग,
हर बात पे बोला नही करते।
जिनके घर हो शीशे के,
वे दूसरे के घरों पर
पत्थर फेंका नही करते।
उसकी कमीज़ से,
जयादा सफेद है मेरी कमीज,
समझदार लोग,
दूसरो पर कीचड़,
फेंका नही करते।
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