Wednesday, January 8, 2014

जिन्दगी का सफ़र --------------- =============================

जीवन संगनी के साथ 38 वर्षो का जिन्दगी का सफ़र,खट्टी -मीठी अनुभूतियों के साथ चल रहा है। कम से कम 50 वी जयंती मनाने की आकांछा है। इन अड़तीस सालों में हम दोनों कई देशाटन,तीर्थाटन,पयर्टन हेतु देश के विभिन्न हिस्सों में विचरण किये। जिनकी मधुरयादों से आज भी मन विभोर हो उठता है। कुछ समय जब तक पुत्र -पुत्रियॉ छोटी थी। सब साथ जाते रहे। धीरे -धीरे बच्चें बड़े होते गये। विवाह आदि हो गये। सबके अपने -अपने नीड़ हो गये। वे अपने में व्यस्त,हम अपने में मस्त। अब हम पति -पत्नी साथ -साथ घूमने लगे।

इधर कुछ दिनों से हम दोनों को जाने क्यों यह लगता है कि साथ में बच्चें रहे तो अधिक आनन्द आयेगा। गत वर्ष हम लोग पुत्र -पुत्रवधू,दोनों लड़कियां व दामाद तथा तीनों नातिनों के साथ मुक्तेश्वर गये थे। वहाँ की रम -डीय,दर्श नींय,पर्वतीय वातावरण में काफ़ी आनन्द आया। मन प्रफुल्लित हो उठा था।

गत माह यूथ होस्टल यसोसियशन ऑफ इंडिया की बेब -साइट खोली तो विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय व प्रन्तीय स्तर के कार्य क्रम थे। हम लोगों ने तमिलनाडु के ऊटी पर्वतीय स्थल पर फ़ैमिली कैम्पिंग का पाँच दिन चार रातों का कार्य क्रम तय किया। इंटरनेट से दिनाँक 17 नवम्बर 2013 से 21 नवम्बर 2013 तक के ग्रुप में स्थान आरछित करा लिया। तद्नुसार रेलवे में आने -जाने का आरछण भी करा लिया।

कार्य क्रम में पति -पत्नी तथा बारह वर्ष तक के दो बच्चें सहित चार लोग जा सकते है। कैम्प में रहने की व्यवस्था है। सुबह की चाय,नास्ता,साधरण स्वास्थ वर्धक शाकाहारी लन्च व डिनर रात में गर्म पेय पदार्थ आदि उपलब्ध कराया जाता है। सम्पूर्ण देश से विभिन्न संस्कृतियो के लोगों का मिलन,साथ रहना,साथ खाना एक अच्छा अनुभव देता है। इस कार्य क्रम में दो दिन ऊटी -दर्शन का भी प्रबन्ध है। इन सब के लिये यूथ -हो

स्टल के सदस्यों के लिये रू ० 6450 व गैर सदस्यों हेतु रू ० 6650 लिया जाता है।

पहले यह कार्य क्रम केवल यूथ हॉस्टल के अवैतनिक कार्य क्रम सचालको,पदाधिकारियो,कैम्प लीडरो,को -
अर्गनाईजर आदि के परिवारों के लिये आयोजित किया जाता था। हम यूथ होस्टल यसोसियशन ऑफ़ इंडिया,
लखनऊ इकाई से वर्ष 1985 में जुड़े थे। हमारा संस्था से परिचय हमारे मित्र तत्कालीन चेयरमैन श्री अनिल कुमार गहोई ने कराया था।

इसके बाद हमने सर्व प्रथम 3 अक्टूबर 1985 को पिण्डारी -ग्लेशियर पदारोहण कार्य क्रम भाग लिया। 25 मई 1986 से 15 जून 1986 तक पिण्डारी ग्ल्येसियर पदारोहण कार्य क्रम में कैम्प लीडर के रूप में अपनी अवैतनिक सेवा प्रदान की थी। वर्ष 1987 -1988 में वेस्टर्न घाट &गोवा हिल्स की पदारोहण कार्य क्रम में कैम्प लीडर रहा था। वर्ष 1990 फरवरी में थार डिजर्ट ऑफ राजस्थान कार्य क्रम में ग्रुप लीडर रहा था। वर्ष 1999 से 2000 तक नेशनल हिमालयन विंटर ट्रैकिंग एक्सपीडिशन -2000 में सह -निदेशक के रूप में अपनी सेवा संस्था को प्रदान कि थी। अतः हमारा चयन होगया। 

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