Tuesday, November 5, 2013

मौत से दो पल दूर

दिनाक २ नवंबर २०१३ , रोज कि तरह प्रातः ६ बजे हम घर से निकले । शीत का प्रकोप प्रारम्भ हो चुका था । लोग जगह -जगह पुराने कागजो-लकडिओं से अलाव जला कर ठण्ड से बचने का प्रयास कर रहे थे । हम खरामा -खरामा , कुहासे के साय में ,कदम ब कदम बड़ाय चले जा रहे थे । अभी प्रकाश ठीक से प्रकाशित नहीं हुआ था । आज छोटी -दीवाली थी  शायद भुवनभास्कर भी अवकाश के मूड में है। आकाश पर हलके -हलके बादल मंडरा रहे थे । रवि के दर्शन नहीं हो पा रहे थे ।
जब मैं वजीराबाद चौराहे पर पहुचा तो देखा कि दो कारो में भयंकर टक्कर हुई । दो लोग घटना स्थल पर मृत प्राय: हो गए । हम केवल घटना स्थल से दो पल कि दूरी पर ही थे । दोनों वाहन टक्कर के बाद फुटपाथ पर चढ़ गये  थे । एक कार तो फुटपाथ पार कर, लोहे की रेलिंग तोड़ कर, पार्क  के लिये छोड़े गए स्थल तक जा पहुची थी और दूसरी कार जो टैक्सी थी वह फुट्पाथ पैर थी। जो लोग दुर्घटना से प्रभावित हुए, वे बेचारे राहगीर कही जाने के लिए फुटपाथ पर खडे थे । यदि हम दो पल पहेले घटना स्थल पर आजाते तो पता नहीं कहाँ होते----------------






सम्भवता कार चालक ,शुक्रवार की देर रात्रि तक चलने वाली पार्टी से आ रहे थे क्योंकि कार चालक जिसकी टांग में चोट लगी थी उसके मुह से मदयपन की गंध आ रहे थी। किसी तरह से ऑटो द्वारा अस्प्ताल भेजा  गया । कुछ लोगों ने बताया कि इस तरह  की दुर्घटनाये शनिवार को प्रातः २ बजे से ७ बजे के मध्य होती है ।
आज भी शनिवार ही था । कारण स्पस्ट है कि शुक्रवार के पार्टी में क्या पान किया जाता होगा । अखबारो व टेलीविज़न में इतना प्रचार होता है कि पीकर वाहन ना चलायें। पुलिस जाँच भी करती है और चालान भी
करती है पर लोग है कि मानते नही। …………………………………


    

No comments:

Post a Comment