केवल है हैवानियत
==========================
हैवानियत -हैवानियत बस केवल हैवानियत
दिल्ली में हैवानियत , लखनऊ में हैवानियत।
देश के विभिन्न हिस्सों में फैली है हैवानियत,
अरे ! इन्सानों जरा आँखें तो खोलों , सिसक
रही ,घिसट रही है ,मौत की ओर तेरीइन्सानियत।
न कोई कानून काम आया ,न काम आया कोई सिद्धान्त ,
न रसूख़ बचा किसीका ,न बचा किसीका कोई रूतबा
हर जगह खुल के खेल रही है ,केवल है हैवानियत। ।
==========================
हैवानियत -हैवानियत बस केवल हैवानियत
दिल्ली में हैवानियत , लखनऊ में हैवानियत।
देश के विभिन्न हिस्सों में फैली है हैवानियत,
अरे ! इन्सानों जरा आँखें तो खोलों , सिसक
रही ,घिसट रही है ,मौत की ओर तेरीइन्सानियत।
न कोई कानून काम आया ,न काम आया कोई सिद्धान्त ,
न रसूख़ बचा किसीका ,न बचा किसीका कोई रूतबा
हर जगह खुल के खेल रही है ,केवल है हैवानियत। ।
No comments:
Post a Comment