Monday, July 28, 2014

मुँह में ठ उ सो रोटी प्रकरण निन्दनीय

                 मुँह  में ठ उ सो  रोटी  प्रकरण  निन्दनीय
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महा राष्ट्र  सदन  दिल्ली  में  शिवसेना  सांसद माननीय  राजन विचारे  महोदय  ने  जो  कार्य  किया  वह  पद  की गरिमा  के अनकूल  नही  था। यदि  सदन  में कु प्रबन्धन  है , कमिया  व  गड़बड़ियाँ  है। उनको  दूर  किये  जाने  की एक   प्रक्रिया  है। उच्च  अधिकारियों  से  शिक़ायत  की जा सकती  है। सांसदो  के  विशेषाधिकार  है।            

इस तरह  किसी  कार्मिक  के मुँह  में रोटी  का टुकड़ा  डालने  का प्रयास करना ,हंगामा  खड़ा  करना  जन -सेवक  को शोभा  नही देता है। इस  प्रकार  के  कार्य  सांसद  की  इज्जत  को  कम  करते  है। आरोपी  चाहे हिन्दू या मुसलमान ,उत्तर भारतीय या  महा रास्र्ट् यन  हो  उसके ख़िलाफ़  इस तरह  के कृत्य  किसी भी प्रकार से उचित नही  है। शिवसेना  प्रमुख  का यह लिखना कि महा राष्ट्र  के मुख्यमंत्री  के मुँह  में इस तरह  की  रोटी  डालनी  चाहिए। यह भी  उनकी  गरिमा  के अनकूल  नही  है।

समाचार पत्रो  से  प्राप्त जानकारी  के अनुसार श्री विचारे  जी  ऐसे पराक्रम  के  हँगामे  खड़े  करने  में अगली  कतारों  में रहते  है। इनकी छवि  आदतन  हगांमा  खड़े करने की है इस प्रकरण  को सांप्रदायिक  रंग  देने का कार्य तो  शिवसेना के लोग ही कर रहे  है। उनका यह  कहना कि उन्हें यह जानकारी  नही थी कि आई ० आर ० सी ० टी ० सी ० के स्थानीय  प्रबधक अरशद जुनेर  मुसलमान है।  यदि वह  हिन्दू  होता सावन में सोमवार  का व्रत कर रहा होता  तो भी  यह सही  नही होता।  मेरे विचार से विचारे के इस कार्य की निंदा  शिवसेना  के लोगो वा  प्रमुख  करनी चाहिए। 

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