बढ़ी उष्मा तो
बन जाते बदल,
पल में
शीत लहराते बदल |
व्योम आच्छादित
कर जाते बादल ,
बरस बरस
जाते है बादल |
पल पल
रंग बदलते बादल ,
पल भर
में छआया कर जाते बादल |
धूप
छाव दिखलाते बादल
रिम झिम बरसे रुक रुक
बादल |-----------------------------------------------------------दिनेश
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