Friday, July 10, 2015

आज दिनांक ७ जून २०१५ दिन रविवार / आषाढ़ मास क्रष्ण  पंचमी सावंत कीलक२०७२
आज का  विचार \ मेरे मन की बात
                            प्राची  दिशा  में शिशु आदित्य की कोमल सुनहरी केशरिया रशिम नयनों को शीतलता  प्रदान करती है / जैसे –जैसे रवि  नभ  में उपर उठता  जाता  है,किरने प्रखर से
प्रखरतम होती जाती है /चमक की तेजी और  ऊष्मा  में बढ़ोतरी होती जाती  है /ठीक उसी तरह मानव मन जन्म से  कोमल  होता  है /योवन  प्राप्त  करते –करते तीखा होता जाता है /भुवन भाष्कर सम्पूर्ण दिवस  की यात्रा पूरी  कर  संध्या को पुन; नर्म  लालिमा युक्त हो  नयनोँ को  भाने लगते  है /मानव स्वभाव  भी जीवन की अन्तिम बेला  में  बाल्य-पन  के समान कोमल व्  विनम्रता से भर  जाता है /आनदोद्धि में आकंठ डूब जाता है |”----------------------------------------------दिनेश
                       ॐ      शान्ति           शान्ति           शान्ति
                                        जय     हो      हिंदुस्तान   की
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आओ  बच्चो तुम्हे  भी दिखाए,झाकी है हिंदुस्तान  की
सब मिल बोलो सच्चे बच्चो,जय हो हिंदुस्तान  की
भिन्न –भिन्न तरह की भाषाए बोली,जय  हो हिंदुस्तान की
विभिन्न सभी धर्मो में ही जाये एका,जय हो हिंदुस्तान  की 

गोरे-काले , पीत वर्ण के फूल खिले, जय हिंदुस्तान की 

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