इन्सानियत ने एक दिन *************
==============================
इन्सानियत ने एक दिन,
खुदा से यह पूछा।
जब तूने सारे इन्सानों को एक ही बनाया
तो धरम के नाम पर
आपस में,
वह क्यों जूझा।
लहू का रंग एक ही है,
एक ही है हवा -पानी,
एक ही मौज के दौर से,
गुजरती है जवानी।
है एक देश के बाशिन्दे तो,
आपसी भाई -चारा क्यों टूटा।
==============================
इन्सानियत ने एक दिन,
खुदा से यह पूछा।
जब तूने सारे इन्सानों को एक ही बनाया
तो धरम के नाम पर
आपस में,
वह क्यों जूझा।
लहू का रंग एक ही है,
एक ही है हवा -पानी,
एक ही मौज के दौर से,
गुजरती है जवानी।
है एक देश के बाशिन्दे तो,
आपसी भाई -चारा क्यों टूटा।
No comments:
Post a Comment