चरण दबा -दबा कर बन गए सन्त ************
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चरण दबा -दबा कर बन गए सन्त,
गला दबा कर हुये महन्त।
कुछ ऐसा हो रहा है आज मेरे भारत,
में उदाहरण है ज्वलन्त।
गुरु आडवाड़ी जी के चापे चरण,
बन गए राजनैतिक सन्त।
मार्ग -निर्देशक बना उन तीनो को,
खुद ही मोदी बन बैठे महन्त।
सत्ता और पार्टी में बै ठ1 दिये,
अपने लोग दिखावटी है जन-तन्त्र।
आवाज़ विरोध में कोई उठे ही नही,
ऐसे किये जा रहें है तन्त्र -मन्त्र।
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चरण दबा -दबा कर बन गए सन्त,
गला दबा कर हुये महन्त।
कुछ ऐसा हो रहा है आज मेरे भारत,
में उदाहरण है ज्वलन्त।
गुरु आडवाड़ी जी के चापे चरण,
बन गए राजनैतिक सन्त।
मार्ग -निर्देशक बना उन तीनो को,
खुद ही मोदी बन बैठे महन्त।
सत्ता और पार्टी में बै ठ1 दिये,
अपने लोग दिखावटी है जन-तन्त्र।
आवाज़ विरोध में कोई उठे ही नही,
ऐसे किये जा रहें है तन्त्र -मन्त्र।
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